कुछ चमकते से सितारे थे जो टूट गए कुछ चमकते से सितारे थे जो टूट गए
कुछ बहते, कुछ रूके से कुछ रुआँसे, कुछ खोए हुए। कुछ बहते, कुछ रूके से कुछ रुआँसे, कुछ खोए हुए।
सुहागिनें बरगद की पूजा करती यमराज से पति की दीर्घायु मांगी थी। सुहागिनें बरगद की पूजा करती यमराज से पति की दीर्घायु मांगी थी।
समय के साथ भागता, रेत सा फिसलता जीवनचक्र। समय के साथ भागता, रेत सा फिसलता जीवनचक्र।
अंधेरों से ताज छीना, भारत मां के लालों ने। अंधेरों से ताज छीना, भारत मां के लालों ने।
कैसे खो रही है इंसानियत न डर, न दर्द, न दया। कैसे खो रही है इंसानियत न डर, न दर्द, न दया।